जब हिमालय की चौहद्दी नापी
हिमालय की चौहद्दी नापना असंभव है। कोई अपना जीवन लगा कर भी नहीं नाप सकता। नॉर्वे की यायावर लेखक एरिका फातलाँ ने इससे पहले दुनिया के सबसे बड़े देश रुस की पूरी चौहद्दी नाप कर पुस्तक लिखा। अब उन्होंने काराकोरम और हिंदुकुश होते हुए हिमालय के छोर नापे हैं। वह चीन से निकल कर पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान होते हुए भारत पहुँचती हैं। कश्मीर से अरुणाचल तक यात्रा करती हुई भूटान, नेपाल और तिब्बत के रास्ते वापस चीन पहुँचती हैं। उनकी 632 पृष्ठ की पुस्तक ‘Høyt’ (High/ऊँचा) मैंने पढ़ कर पूरी की। चूँकि यह पुस्तक मात्र नॉर्वेजियन में है, इसका एक खाका और कुछ अंशों के अनुवाद यहाँ रख रहा हूँ।