Indra Ashutosh Garg
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बात पुस्तक ‘इंद्र’ की- क्या आप इन पौराणिक प्रश्नों के उत्तर जानते हैं?

इंद्र-कथा में ट्रांस-जेंडर, समलैंगिकता, और यहाँ तक कि ऐसे संदर्भ मिलेंगे कि गर्भधारण अगर पुरुष करे तो क्या हो? स्त्री अपनी इच्छाओं के प्रति कितनी स्वतंत्र है? यह प्रश्न भी है कि अगर अ-ब्राह्मण शास्त्रज्ञ बन जाएँ, तो क्या हो
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Vasco part 6
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वास्को डी गामा खंड 6 – आखिरी खूँटा

कालीकट से ठुकराए जाने के बाद वास्को डी गामा के पास लौट जाने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था। लेकिन लौटते हुए किस्मत ने उसे ऐसी जगह ला दिया, जो पुर्तगालियों का गढ़ ही बन गया। शृंखला के आखिरी खंड में गोवा के उस जमीन का विवरण है, जहाँ वे भूलते-भटकते हुए पहुँच गए।
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Vasco
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वास्को डी गामा खंड 5 – बड़े बेआबरू होकर निकले

पुर्तगालियों के पास देने के लिए कुछ नहीं था। वे अरबी व्यापारियों से संपत्ति के मामले में कमजोर दिखे। लेकिन, कहीं न कहीं यह आकलन अधूरा था और भविष्य में इसकी क़ीमत चुकानी पड़ी। इस खंड में उस घटनाक्रम का विवरण है, जब वास्को डी गामा को कालीकट छोड़ कर भागना पड़ा।
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Vasco Da Gama arrival poster
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वास्को डी गामा – खंड 4- सोने की चिड़िया

वास्को डी गामा का भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर आना यूरोप और भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण बिंदु है। भारत कई मामलों में उस समय यूरोप से अधिक समृद्ध था। वहीं यूरोपीय अपने कदम बहुत संभाल कर रख रहे थे। इस खंड में उसी आरंभिक संवाद का विवरण है।
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Poster of vasco da gama part 3
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वास्को डी गामा – खंड 3 – अरबी बनाम पुर्तगाली

अफ़्रीका के तटों पर इस्लाम राज था। वास्को डी गामा को लिए यह चुनौती थी कि भारत पहुँचने में मदद कैसे ली जाए। कहीं लड़ाई, कहीं कूटनीति, और कहीं झूठे वादे उसका पथ प्रशस्त कर रहे थे। भारत का रास्ता दिखाने वाला सबसे उचित व्यक्ति आख़िर कौन हो सकता था? तीसरे खंड में पुर्तगाली और अरबी लोगों की मुलाक़ात पर बात
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वास्को डी गामा – खंड 2: सुखद आशाओं का द्वार

गुमनाम डायरियों पर विश्वास करना आसान होता है, क्योंकि उसमें लिखने वाले का स्वार्थ नहीं छिपा होता। सोचिए, अगर हम दुनिया के सबसे बड़े मिशन में शामिल होते, उसकी पूरी कहानी लिखते, तो क्या अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में न छपवाते? दूसरे खंड में हम वास्को डी गामा की भारत निमित्त प्रथम जहाज़ी यात्रा की कहानी पढ़ेंगे जो एक गुमनाम सह-यात्री ने दर्ज की।
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वास्को डी गामा – खंड 1: आख़िरी क्रूसेड

यूरोप के लिए भारत का समुद्री रास्ता ढूँढना एक ऐसी पहेली थी जिसे सुलझाते-सुलझाते उन्होंने बहुत कुछ पाया। ऐसे सूत्र जो वे ढूँढने निकले भी नहीं थे। हालाँकि यह भारत की खोज नहीं थी। भारत से तो वे पहले ही परिचित थे। ये तो उस मार्ग की खोज थी जिससे उनका भविष्य बनने वाला था। यह शृंखला उसी सुपरिचित इतिहास से गुजरती है। इसके पहले खंड में बात होती है आख़िरी क्रूसेड की।
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Poster of book
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क्या भारत हिंदू राष्ट्र बनने की राह पर है?

पुस्तक में एक स्थान पर हिंदू राष्ट्र के चार संभावित विकल्प बताए गए हैं। पहला कि हिंदू राष्ट्र बने, किंतु संवैधानिक अधिकार बराबर रहें। जैसे नॉर्वे आदि ईसाई राष्ट्र की तरह। दूसरा कि हिंदू राष्ट्र बने और हिंदुओं को कुछ अधिक अधिकार मिले, जैसा भाजपा चाहती है…
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Book cover-Books of Jacon
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बुक्स ऑफ़ जैकब: ईसाई, यहूदी और मुसलमानों का साझा मसीहा (?)

फ़र्ज़ करिए कि तीनों इब्राहिमी धर्म जिनका मूल एक है, वे एक हो जाएँ। यहूदी, ईसाई और मुसलमान एक हो जाएँ। यहूदी इस बात पर मान जाएँ कि यीशु मसीह वाकई एक मसीहा थे। ईसाई यह मान जाएँ कि पैगम्बर भी थे।
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Poster of book Ambpali
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अम्बपाली- नए नज़रिए से एक बौद्ध थेरी कथा

यह स्त्री-केंद्रित रचना है, जिसमें वैशाली की गणिकाएँ, विवाहित स्त्रियाँ, बौद्ध भिक्षुणियाँ प्रमुखता से हैं। यहाँ थेरियों की गाथा है।
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