Mahendra Tikait Delhi Poster
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किसान खंड 5- सुनो! इंडिया वालों!

दिल्ली में किसानों को लेकर जाना महेंद्र सिंह टिकैत का चरम बिंदु था। वहाँ राजनीति के संपर्क में आना उनके लिए कुछ हानिकारक भी रहा। लेकिन, वह दिन भी आया जब महेंद्र सिंह टिकैत का विरोध पेरिस पहुँचा। इस आखिरी खंड में उन घटनाओं पर बात
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Mahendra Singh Tikait
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किसान खंड 4- मेरठ

मेरठ किसान सत्याग्रह आज तक के सबसे लंबे सत्याग्रहों में है। इसी से महेंद्र सिंह टिकैत को वह ज़मीन भी मिली जिसके बदौलत वह दिल्ली कूच कर सके। इस खंड में चर्चा उसी आंदोलन की
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Mahendra Tikait meeting poster
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किसान खंड 3 – भाई! ऐसी है बात

महेंद्र सिंह टिकैत की लम्बे भाषणों में रुचि नहीं थी। उनका तरीक़ा था कि बात ऐसे हो जैसे गाँव के चौपाल में होती है। उन्होंने किसानों को बिना किसी राजनीतिक दल के सहारे अपनी बात रखने का गँवई हुनर दिया। इस खंड में चर्चा होगी ऐसे ही एक आरंभिक आंदोलन की।
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Mahendra Tikait addressing farmers
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किसान खंड 2- भारत के किसानों! एक हों!

भारत जैसे विशाल देश के किसानों को एक छत्र में लाना लगभग असंभव है। ऐसे प्रयास आज़ादी के पहले से होते रहे, किंतु सफल नहीं हुए। इस खंड में चर्चा होगी उन संगठनों की
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Mahendra Tikait Poster
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किसान खंड 1 – प्रधानमंत्री ने पैसे खाए हैं?

किसान आंदोलनों का लंबा इतिहास रहा है। अस्सी के दशक में एक नाम उभरे – महेंद्र सिंह टिकैत। एक समय उन्होंने दिल्ली हिला कर रख दिया था। इस शृंखला के पहले खंड में किसान आंदोलनों का फ़्लैशबैक
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