रुकतापुर में है चलतापुर का रहस्य

Ruktapur Pushyamitra Poster
Ruktapur Pushyamitra Poster
वाकई यह किताब समस्याओं की नहीं, हल की किताब है। कुछ हमारे पास है, कुछ विधि-निर्माताओं के पास।

पूरी किताब उत्तम पुरुष (First person) में है। फलानी जगह पढ़ा, किसी और से सुना, यह बहुत कम। सब कुछ आँखों-देखी। इसे लेखक घुमन्तू पत्रकारिता कहते हैं, लेकिन यह उससे एक सीढ़ी ऊपर अन्वेषी और लक्ष्यगत पत्रकारिता है। आप यूँ ही हहुआते नोट नहीं कर रहे, आप पाँच-छह पक्के सवालों के उत्तर तलाश कर रहे हैं। वह भी ग्रंथों और विद्वानों में नहीं, सीधे जमीन पर अनपढ़ या झेल रहे लोगों से।

कुछ मिसाल पेश है-

एक ट्रेन है, जो दशकों से चल रही है, मगर कोई यात्री नहीं, पटरी पर ताश खेलते लोगों के सामने हॉर्न देती इंजिन और मिन्नतें करते ड्राइवर। वहीं, एक दूसरी ट्रेन है, जिसमें दो दिन से टिकट कटाए लोग भीड़ की वजह से घुस ही नहीं पा रहे।

एक लड़की है, जो किसी और राज्य में बेचवा ब्याह कर दी गयी, जिसके पति आगे बेचते रहे, और भागने पर सामूहिक बलात्कार कर दिया गया। वहीं, एक तेरह-चौदह वर्ष की बाल-विवाहिता अपने कुपोषित भाई-बहनों का पालन-पोषण करने की जद्दो-जहद में हैं, पति पंजाब में मजदूरी कर रहे हैं।

एक गाँव है, जहाँ मात्र पानी पीने से रोग पसर रहा है। गाँव का गाँव बौना हो रहा है, वक्र शरीर लिए जी रहा है। कोई वायरस नहीं है, बस जल पीने से। फिल्टर के बाद भी वही स्थिति।

एक विशाल औद्योगिक केंद्र है, जहाँ फैक्ट्रियाँ ही फैक्ट्रियाँ हैं, और देश के महान संस्थान जन्मे हैं। अब वह तो बंद ही है, पूरे राज्य को उद्योग-बंजर करार दिया गया है।

देश की इकलौती राजशाही है, जो अब तक अंग्रेज़ काल में ही है, और सवा सौ वर्षों से वारिस ही तलाश रही है। वहीं, एक चाय वाले हैं जिनके नाम पर पूरे जिले की जमीन का ही खानदानी खाता है पर हाथ में कुछ नहीं।

एक गाँव हैं जो बिलगोटिया की प्रतीक्षा में है, जो कह कर गए थे कि लौटेंगे। (बिलगोटिया दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति में एक का अपभ्रंश है।)

डोनाल्ड ट्रंप से दुनिया ने कुछ अच्छा सीखा हो, या न सीखा हो। मुझे उनकी एक बात अच्छी लगी थी।

“To solve a problem, you have to say it first”

”किसी समस्या का हल ढूँढने के लिए पहले उस समस्या को ठीक से कहा जाना चाहिए”

वाकई यह किताब समस्याओं की नहीं, हल की किताब है। कुछ हमारे पास है, कुछ विधि-निर्माताओं के पास। कुछ हिंट लेखक ने भी दिए हैं। कुछ आप दीजिए। रुकतापुर में ही चलतापुर छुपा है।

Author Praveen Jha shares his experience about book Ruktapur published by Rajkamal Prakashan and written by Pushyamitra

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