महेशवाणी और नचारी
शिव के लिए महेशवाणी और नचारी दो तरह के गीत गाने की रीति रही है। कालांतर में दोनों में भेद करना कठिन हो गया है। एक आम समझ के हिसाब से महेशवाणी और नचारी के मध्य अंतर पर बात
दुर्लभ रागों के विशेषज्ञ: अलादिया ख़ान (A rare raga exponent)
जब अलादिया ख़ान साहब की आवाज लंबे समय तक अमलेता में तान खींचते हुए चली गयी, तो वह कहीं के नहीं रहे। ऐसे समय में उन्होंने यही तकनीक सोची कि वह राग गाओ जो कोई न गाता हो
किशोर कुमार के किस्से (Stories of Kishore Kumar)
एक दफे सचिन देव बर्मन किशोर दा के घर पहुँचे तो वह बाथरूम में थे और नहाते हुए के.एल. सहगल की कॉपी करते बीच में योडल कर रहे थे। जब वो बाहर निकले तो एस.डी. बर्मन ने कहा कि किशोर! तुम ये नकल छोड़ दो, गला तोड़ दो, फिर निकलेगी किशोर कुमार की आवाज!
शहरनामा (Books on cities)
भारत के शहरों पर आधारित कई किताबें लिखी गयी। देखें कौन कौन सी किताबें हैं इस सूची में।
सोशल मीडिया में ‘कन्फ्लिक्ट-मैनेजमेंट’
सोशल मीडिया या कहीं भी ‘कन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट’ के पाँच सूत्र है- दो ‘A’ और तीन ‘C’.
क्या शाकाहारी भोजन बेहतर है? – गांधी
गांधी ने लंदन में विद्यार्थी जीवन में भारतीय आहार पर भाषण दिया। इसमें सरल भाषा में भारत के अनाज और फल विदेशियों को समझाया। साथ-साथ भोजन बनाने की विधि भी।
महेंद्र कपूर के क़िस्से (Mahendra Kapoor)
एक शाम को पेग लगाते हुए महेंद्र कपूर को राज ने कहा कि तुम्हें बंबई में अपने फ़िल्म में गीत दूँगा। उन्होंने कहा कि आप बड़े आदमी हैं, बंबई जाकर भूल जाएँगे। राज कपूर ने तुरंत जलती सिगरेट लेकर अपनी हथेली पर बुझाया, और कहा कि अब यह दाग़ मुझे याद दिलाता रहेगा कि तुम्हें एक गीत देना है।
संगीत दिया है नेताजी बोस ने
सुभाष चंद्र बोस की छवि एक अनुशासन से बँधे आज़ाद हिंद फ़ौज के मुख्य कमांडर की तरह बनती है। उनसे यह उम्मीद नहीं की जाती कि वह संगीत जैसी नाज़ुक चीज से रिश्ता जोड़ेंगे। मगर नेताजी ने न सिर्फ़ संगीत में रुचि रखी, बल्कि म्यूज़िक डायरेक्शन भी किया। पढ़ें उनसे जुड़े गीत
विविध भारती और रेडियो सीलॉन
कभी एक केस्कर साहब नामक मंत्री हुए। उन्होनें फिल्मी गानों पर पाबंदी कर दी, यह कहकर कि वो बकवास है। बस शास्त्रीय संगीत बजेगा