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संगीत के चितेरे (Musicologists)

म्यूजिकोलॉजिस्ट। इसका हिन्दी अनुवाद मिलना कठिन है। लोग संगीत-अध्येता या संगीत-समीक्षक प्रयोग करते हैं। पश्चिम में यह एक अलग विधा ही है।
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स्मृति: रमाकांत गुंडेचा

उन्हें यह भी समझ आ गया था कि अधिकतर श्रोताओं को संगीत की रत्ती भर समझ नहीं। कुछ अभिजात्य परिवार से यूँ ही सज-धज कर आगे की कुर्सियों पर बैठे हैं, कुछ शौक से आए हैं, कुछ यूँ ही पकड़ कर लाए गए हैं, और कुछ बस आ गए।
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Bihar Music Tradition Poster 1
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बिहार की संगीत परंपरा

बिहार में हिंदुस्तानी संगीत की सभी विधाएँ फली-फूली। ध्रुपद, खयाल, ठुमरी, वादन, नृत्य, संगीत शास्त्र सभी के गढ़ रहे। आज भी उनमें से कई मौजूद हैं।
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Kasparov Anand Carlsen Chess
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शतरंज के खिलाड़ी- कास्पारोव, कार्लसन और आनंद का विस्मयकारी त्रिकोण

गैरी कास्पारोव, विश्वनाथन आनंद और मैग्नस कार्लसन शतरंज के खेल के बदलते तेवर के निर्माण है। उनके आपसी खेल संबंधों पर रोचक चर्चा
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बैजनाथ मिश्र ‘बैजू’: जो बाँवरे नहीं थे

बैजू अपने बेटे को ढूँढने कश्मीर की ओर पदयात्रा पर निकले। वहीं रास्ते में होशियारपुर जिले के एक गाँव में वह ठहरे, जो उनके नाम पर ‘बजवाड़ा’ नाम से मशहूर हुआ
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ध्रुपद और कच्छप वीणा

मैं विज्ञान से जुड़ा व्यक्ति हूं और यह कल्पना करता रहता हूं कि विश्व का ऐसा कौन-सा वाद्य-यंत्र होगा जो मनुष्य के ‘वोकल कॉर्ड’ (स्वर-रज्जु) के सबसे करीब होगा. जिसके तार छेड़े जाएं तो गायन के समानांतर हो
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कौन सा यंत्र बनता है बंदूक की नाल से?

एक दिन बाबा मैहर के राजा साहब के पास बैठे थे। वह शिकार के लिए बंदूकों की नली साफ करवा रहे थे। कई बंदूकों में जंग लग गयी थी, उसे किनारे रखवा देते। बाबा ने कहा, “महाराज! इन बंदूक की नलियों को आप मुझे दे दें।”
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रात के हमसफर

महफ़िलों की शुरुआत इसी राग से अक्सर होती है और यह रागों का राजा है। शांत रस का राग है तो जाहिर है यह मन के शांत कर देता है।
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दिन के राग

शाम को यूँ ही क्षितिज पर सूर्य को अस्त होते देखना और सुरबहार की झण्कार सुनना यूँ लगता है कि गायों का झुंड खेतों से एक धुन में वापस लौट रहा है
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