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वास्को डी गामा – खंड 1: आख़िरी क्रूसेड

यूरोप के लिए भारत का समुद्री रास्ता ढूँढना एक ऐसी पहेली थी जिसे सुलझाते-सुलझाते उन्होंने बहुत कुछ पाया। ऐसे सूत्र जो वे ढूँढने निकले भी नहीं थे। हालाँकि यह भारत की खोज नहीं थी। भारत से तो वे पहले ही परिचित थे। ये तो उस मार्ग की खोज थी जिससे उनका भविष्य बनने वाला था। यह शृंखला उसी सुपरिचित इतिहास से गुजरती है। इसके पहले खंड में बात होती है आख़िरी क्रूसेड की।
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Poster of book
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क्या भारत हिंदू राष्ट्र बनने की राह पर है?

पुस्तक में एक स्थान पर हिंदू राष्ट्र के चार संभावित विकल्प बताए गए हैं। पहला कि हिंदू राष्ट्र बने, किंतु संवैधानिक अधिकार बराबर रहें। जैसे नॉर्वे आदि ईसाई राष्ट्र की तरह। दूसरा कि हिंदू राष्ट्र बने और हिंदुओं को कुछ अधिक अधिकार मिले, जैसा भाजपा चाहती है…
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Book cover-Books of Jacon
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बुक्स ऑफ़ जैकब: ईसाई, यहूदी और मुसलमानों का साझा मसीहा (?)

फ़र्ज़ करिए कि तीनों इब्राहिमी धर्म जिनका मूल एक है, वे एक हो जाएँ। यहूदी, ईसाई और मुसलमान एक हो जाएँ। यहूदी इस बात पर मान जाएँ कि यीशु मसीह वाकई एक मसीहा थे। ईसाई यह मान जाएँ कि पैगम्बर भी थे।
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Poster of book Ambpali
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अम्बपाली- नए नज़रिए से एक बौद्ध थेरी कथा

यह स्त्री-केंद्रित रचना है, जिसमें वैशाली की गणिकाएँ, विवाहित स्त्रियाँ, बौद्ध भिक्षुणियाँ प्रमुखता से हैं। यहाँ थेरियों की गाथा है।
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Poster of book Sovietjstan
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सोवियतिस्तान

एक ऐसी जगह हो, जहाँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोग बाज पालते हों। एक ऐसा क्षेत्र जहाँ विवाह की पारंपरिक विधि ही यही हो कि पुरुष पहले अपनी प्रेमिका का अपहरण कर ले, फिर उनके माँ-बाप से इज़ाजत माँगे
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Poster of book The New Map
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क्या दुनिया की नयी मुद्रा ऊर्जा होगी? – द न्यू मैप

जब पत्थर ड्रिल कर ही गैस निकालना है तो चीन या भारत खुद क्यों नहीं निकाल लेते? वे भी अमरीका की तरह ऊर्जा-स्वतंत्रता क्यों नहीं हासिल कर लेते?
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Retsamadhi poster
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रेतसमाधि

इस पुस्तक ने मेरे मस्तिष्क को पिछले एक हफ्ते से बंदी बना लिया था, क्योंकि एक पढ़ाकू का अभिमान पाले हुए भी, मैं इस चंपू-गद्य या पद्यात्मक गद्य से पराजित था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कथा कहाँ जा रही है।
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Rambhakt Rangbaaz poster
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रामभक्त रंगबाज़- कुछ क़िस्से कभी पुराने नहीं होते

राकेश कायस्थ ने यह उपन्यास एक चर्चित और संवेदनशील प्लॉट पर लिखा है। जब मंडल-कमंडल का समय था, रथयात्रा, बाबरी मस्जिद विध्वंस से बंबई बम धमाकों की पृष्ठभूमि बन रही थी, उस समय आप कहाँ थे? अगर आप किसी मुहल्ले में थे, तो आप स्वयं को वहीं बैठा पाएँगे
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Poster of the book Rohzin
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रुहज़न – रहमान अब्बास से क्यों नाराज़ होंगे कुछ लोग?

पारंपरिक मुसलमानों के लिए तो कई अंश सुपाच्य नहीं होंगे। मसलन इसकी नायिका सिगरेट फूँकती है, किंतु अपनी परंपरा के प्रति सचेत भी है। बुरके में आयी महिला मुंबई के खुले आसमान में संभोग करती है। वहीं एक महिला अपने पति के परोक्ष में संबंध रखती है
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अकबर

शाज़ी ज़माँ साहब अगर अकबर पर उपन्यास या नाटक लिखते, तो यह मुगल-ए-आजम फ़िल्म जैसी कुछ जानदार मिसाल बनती। लेकिन, वह पूरे उपन्यास में तथ्य रखने में इस कदर उलझ गए कि यह न सौ फ़ीसदी उपन्यास रहा, न इतिहास
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