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कौन सा यंत्र बनता है बंदूक की नाल से?

एक दिन बाबा मैहर के राजा साहब के पास बैठे थे। वह शिकार के लिए बंदूकों की नली साफ करवा रहे थे। कई बंदूकों में जंग लग गयी थी, उसे किनारे रखवा देते। बाबा ने कहा, “महाराज! इन बंदूक की नलियों को आप मुझे दे दें।”
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रात के हमसफर

महफ़िलों की शुरुआत इसी राग से अक्सर होती है और यह रागों का राजा है। शांत रस का राग है तो जाहिर है यह मन के शांत कर देता है।
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दिन के राग

शाम को यूँ ही क्षितिज पर सूर्य को अस्त होते देखना और सुरबहार की झण्कार सुनना यूँ लगता है कि गायों का झुंड खेतों से एक धुन में वापस लौट रहा है
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Morning Raga Poster
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कौन से राग दे सकते हैं बेहतरीन सुबह?

सुबह आखिर कौन से राग सुने जाएँ कि दिन खूबसूरत बन जाए? इस लेख में चर्चा है ऐसे ही कुछ रागों की, जिससे आप प्लेलिस्ट बना सकते हैं।
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विजय घाटे

एक दिन वसंत राव देशपांडे जी के पास ले गए, तो उन्होंने कहा, “यह क्या कर रहे हो? हुनर कोई नुमाइश की चीज है कि बच्चा बढ़िया ढोल पीटता है? दो-चार लोगों ने वाह-वाह क्या कर दी, खुश हो गए? हुनर है तो उसे तराशो! दुनिया में भीड़ बहुत है, ऐसे हज़ारों बच्चे घूम रहे हैं। इसे बाक़ायदा तालीम दो, और यह नुमाइश बंद करो!”
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कैवल्य कुमार गुरव

“तुम्हें कहाँ गाना है? यह तो तुम्हारे अंदर बसा धारवाड़ गाएगा। बस अब्दुल करीम ख़ान साहब की एक बात ध्यान रखो कि जब मंच पर बैठोगे, तब तुम राजा हो। और जब मंच से उतरोगे तो निरीह। अपना अभिमान और अपनी असीम शक्ति मंच तक ही रहेगी।”
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जो दायरों में फँसा, वह भीमसेन जोशी न बन सका

पंडित जी को मैंने करीब से देखा है, और उनके गायकी से पहले ही उनके चेहरे पर भाव आ जाते हैं। उनकी भृकुटी, उनकी आँखें, उनके होंठ, उनका गला सब भिन्न-भिन्न रसों के हिसाब से बदल जाते हैं
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सावन की फुहार, गाओ मल्हार!

आप इसे इत्तेफाक ही कहेंगे लेकिन वाकई इसको दो बारी बजाते समय बारिश हुई और एक समय यह मैं जंगल के बीच खुले आसमान में बजा रहा था और द्रुत के समय बारिश होने लगी। यह अनुभव अलौकिक था, जैसे किसी वैज्ञानिक का प्रयोग सफल हो गया हो।
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घरानों का सफर

हिंदुस्तानी संगीत है तो घराने हैं। घराने हैं, तो कथाएँ हैं। कथाएँ हैं, तो उनमें रस है। उतना ही, जितना कि संगीत में। क्योंकि कथाएँ बनी ही संगीत से है। मुश्किल ये है कि यह कोई बताता नहीं
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राग कैसे पहचानें?

एक श्रोता के लिए राग पहचानने के फेर में अधिक पड़ना आवश्यक नहीं। गायक-वादक यूँ भी राग और ताल पहले बता देते हैं। सी.डी. या यू-ट्यूब पर भी यह लिखा ही होता है, तो यह कोई छुपा रहस्य नहीं कि इसे जानना ही हो। लेकिन रागों की समझ हो तो आनंद बढ़ने लगता है
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