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जब दुनिया की सबसे पुरानी किताब की दुकान देखी

यहाँ किताबों की दुकान लाइब्रेरी कहलाती है। अठारहवीं सदी में लिस्बन शहर जल गया मगर वह किताबों की दुकान आज तक कायम है। आज चलते हैं लिवरेरिया बर्टैंड की सैर पर, जो दुनिया के सबसे पुराने सक्रिय पुस्तक विक्रेता हैं।
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Booktown Fjaerland
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एक गाँव किताबों का

क्या यह मुमकिन है कि पहाड़ की वादियों में एक खूबसूरत गाँव बसा हो, जहाँ मीलों तक सिर्फ़ किताबें ही किताबें बिछी हो? ऐसे एक गाँव की तलाश में यह अनुभव
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Hitler cover
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हिटलर का रूम-मेट

एडॉल्फ हिटलर के तानाशाह हिटलर बनने में एक महत्वपूर्ण कड़ी है वियना में बिताए सत्रह से चौबीस वर्ष की उम्र का नवयौवन। उन दिनों उसके रूम-मेट द्वारा लिखे संस्मरण के आधार पर एक यात्रा उन बिंदुओं से, जो शायद यह समझने में मदद करे कि साधारण प्रवृत्तियाँ कैसे बदल कर विनाशकारी हो जाती है।
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Sigmund Freud
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सिग्मंड फ्रॉय्ड के घर में क्या था?

मनुष्य के दिमाग को समझने में सिग्मंड फ्रॉय्ड का नाम एक मील के पत्थर की तरह है। वियना के उनके घर और क्लिनिक में जाकर इस अनूठे मनोविश्लेषक के दिमाग को समझने की एक छोटी सी कोशिश
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Vasco part 6
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वास्को डी गामा खंड 6 – आखिरी खूँटा

कालीकट से ठुकराए जाने के बाद वास्को डी गामा के पास लौट जाने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं था। लेकिन लौटते हुए किस्मत ने उसे ऐसी जगह ला दिया, जो पुर्तगालियों का गढ़ ही बन गया। शृंखला के आखिरी खंड में गोवा के उस जमीन का विवरण है, जहाँ वे भूलते-भटकते हुए पहुँच गए।
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Vasco
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वास्को डी गामा खंड 5 – बड़े बेआबरू होकर निकले

पुर्तगालियों के पास देने के लिए कुछ नहीं था। वे अरबी व्यापारियों से संपत्ति के मामले में कमजोर दिखे। लेकिन, कहीं न कहीं यह आकलन अधूरा था और भविष्य में इसकी क़ीमत चुकानी पड़ी। इस खंड में उस घटनाक्रम का विवरण है, जब वास्को डी गामा को कालीकट छोड़ कर भागना पड़ा।
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Vasco Da Gama arrival poster
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वास्को डी गामा – खंड 4- सोने की चिड़िया

वास्को डी गामा का भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर आना यूरोप और भारत के इतिहास का महत्वपूर्ण बिंदु है। भारत कई मामलों में उस समय यूरोप से अधिक समृद्ध था। वहीं यूरोपीय अपने कदम बहुत संभाल कर रख रहे थे। इस खंड में उसी आरंभिक संवाद का विवरण है।
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Poster of vasco da gama part 3
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वास्को डी गामा – खंड 3 – अरबी बनाम पुर्तगाली

अफ़्रीका के तटों पर इस्लाम राज था। वास्को डी गामा को लिए यह चुनौती थी कि भारत पहुँचने में मदद कैसे ली जाए। कहीं लड़ाई, कहीं कूटनीति, और कहीं झूठे वादे उसका पथ प्रशस्त कर रहे थे। भारत का रास्ता दिखाने वाला सबसे उचित व्यक्ति आख़िर कौन हो सकता था? तीसरे खंड में पुर्तगाली और अरबी लोगों की मुलाक़ात पर बात
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वास्को डी गामा – खंड 2: सुखद आशाओं का द्वार

गुमनाम डायरियों पर विश्वास करना आसान होता है, क्योंकि उसमें लिखने वाले का स्वार्थ नहीं छिपा होता। सोचिए, अगर हम दुनिया के सबसे बड़े मिशन में शामिल होते, उसकी पूरी कहानी लिखते, तो क्या अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में न छपवाते? दूसरे खंड में हम वास्को डी गामा की भारत निमित्त प्रथम जहाज़ी यात्रा की कहानी पढ़ेंगे जो एक गुमनाम सह-यात्री ने दर्ज की।
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Book cover-Books of Jacon
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बुक्स ऑफ़ जैकब: ईसाई, यहूदी और मुसलमानों का साझा मसीहा (?)

फ़र्ज़ करिए कि तीनों इब्राहिमी धर्म जिनका मूल एक है, वे एक हो जाएँ। यहूदी, ईसाई और मुसलमान एक हो जाएँ। यहूदी इस बात पर मान जाएँ कि यीशु मसीह वाकई एक मसीहा थे। ईसाई यह मान जाएँ कि पैगम्बर भी थे।
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