वकालत की अर्जी, जो रिजेक्ट हुई
गांधी के लिए लंदन से बैरिस्टर होना नौकरी के लिए काफ़ी नहीं था। उन दिनों बंबई में ऐसे बैरिस्टरों की कमी नहीं थी। जाति से बहिष्कृत और पैसों से तंग गांधी की कुछ चिट्ठियाँ यहाँ पढ़ी जा सकती है।
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