एक आज़ाद लड़की का सफ़रनामा
नापसंद आते-आते यह किताब बहुत पसंद आ गयी। एक भारतीय लड़की की अकेली यूरोप यात्रा अपने आप में इसका एक्स-फैक्टर है। एक अपेक्षाकृत असामान्य चीज जो बड़े सामान्य अंदाज़ में मुमकिन हुई और दर्ज़ हुई। अनुराधा बेनीवाल की पुस्तक ‘आज़ादी मेरा ब्रांड’ का अनुभव