भूतों का एक देश

Bhooton Desh Iceland Poster
आइसलैंड यूरोप और अमरीका महादेशों के मध्य बीच समुद्र में एक अजूबा द्वीप है। उस हिमाच्छादित द्वीप में लोक कम है, लेकिन लोककथाएँ और मान्यताएँ जन्मी है। जहाँ आदमी और भूत सामंजस्य से रहते हैं, उसकी तफ्तीश में है यह यात्रा

अथाह समुद्र के बीच एक हिमाच्छादित द्वीप, जहाँ कभी बलात्कारियों का राज था, और आज स्त्रियों के लिए सर्वोत्तम देश। बलात्कारियों की बात गलत नहीं कह रहा। विश्व के सबसे खूंखार बलात्कारियों में वाईकिंग का ही उल्लेख आता है। वे यूरोप से सेल्टिक कन्याओं को उठाकर इस द्वीप पर ले जाते, और इनका बलात्कार करते।

आईसलैंड कहीं इन नाजायज औलादों के संतानों से तो नहीं बना? कहीं वे प्रताड़ित महिलाएँ ही डायन बन कर तो नहीं घूमतीं? मुझे तो लगता है कि यह सब बकवास है। लोग तो ये भी कहते हैं कि वाईकिंग्स ने आयरलैंड पहुँच कर भी सभी स्त्रियों का बलात्कार कर दिया था। तो क्या आयरलैंड भी इन बलत्कृत महिलाओं की वंशज है? ये सब बेकार की बातें हैं। गप्प है। गर सच भी है तो इसमें उनका क्या दोष? मैं वाईकिंग्स के इतिहास पर कई महीनों से सर धुन रहा हूँ, वैज्ञानिकों की पढ़ रहा हूँ। इतने भी बुरे नहीं थे वाईकिंग कि सबका बलात्कार करते फिरें। खूंखार जरूर थे, और संधि-समझौते में ज्यादा भरोसा न था। जो समझौता करने आते, उनके टुकड़े-टुकड़े कर देते। पर बलात्कार की पक्की खबर नहीं मिली। अब आईसलैंड पहुँच कर कुछ और तफ्तीश करूँगा।

जाने से पहले फ़ोन के व्हाट्स-ऐप्प पर किसी शुभचिंतक ने बताया कि आईसलैंड में इतनी गोरी युवतियाँ हैं कि पुरुष कम पड़ गए हैं। अक्सर इस तरह के मेसैज के साथ अमरीकी भोजनालय ‘हूटर’ की मांसल कन्यायें लगा दी जाती हैं। कई मेसैज देख कर यह अंदाजा लग जाता है कि इन्हें पहले भी कहीं देखा है। आईसलैंड की कन्याओं की असल तस्वीरें मैंने पहले ही छान मारी थी। ये मेल नहीं खाती। किसी ने यह भी कहा कि वो जबरदस्ती विवाह कर लेती हैं। भला आईसलैंड में भी ‘पकड़ौआ’ विवाह? आईसलैंड की महिला-बहुलता वाली बात भी मिथ्या ही है। हाँ! बराबर जरूर हैं।

जितने पुरूष, उतनी स्त्रियाँ। न एक कम, न एक ज्यादा। भगवान् ने सोच-समझ कर ही यह बने-बनाए जोड़े भेजे ताकि यह द्वीप चलता रहे, बंद न हो जाए। यह बात और है कि वहाँ मनुष्यों के अतिरिक्त भी कई विचित्र लोग हैं, जिन्हें वो ‘एल्व’ कहते हैं। एक तरह के भूत-प्रेत ही, किंतु वो समाज का हिस्सा ही हैं। गर इस बात पर हँसो, तो आईसलैंड वाले बुरा मान जाते हैं। गर आप भूत-प्रेत नहीं मानते, तो आईसलैंड आने का मतलब ही नहीं। अब भला मेरे जैसे विज्ञान के व्यक्ति के लिए इस द्वीप पर क्या काम? लेकिन सोचा कि कुछ पल के लिए तांत्रिक बन जाता हूँ। भूतों से संवाद स्थापित करता हूँ।

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Book extract from Bhooton Ke Desh Mein Iceland by Author Praveen Jha

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