प्रवीण कुमार झा कथेतर रुचि के लेखक हैं। गिरमिटिया इतिहास पर उनकी शोधपरक पुस्तक ‘कुली लाइंस’ चर्चित रही। संगीत इतिहास पर आधारित पुस्तक ‘वाह उस्ताद’ को कलिंग लिट्रेचर फ़ेस्टिवल 2021 ने ‘बुक ऑफ द यर’ से सम्मानित किया। उन्होंने इतिहास पुस्तकों के अतिरिक्त लघु यात्रा-संस्मरण भी लिखे हैं और उनके स्तंभ प्रमुख पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। प्रवीण का जन्म बिहार में हुआ और वह भारत के भिन्न-भिन्न स्थानों से गुजरते हुए अमेरिका और यूरोप में रहे। वह सम्प्रति नॉर्वे में विशेषज्ञ चिकित्सक हैं।
यह माना जाता है कि पश्चिमी दुनिया की पहली Murder Mystery अमरीकी लेखक एडगर एलन पो ने लिखी। लेकिन उनसे एक वर्ष पूर्व एक अन्य व्यक्ति ऐसी ही किताब लिख चुके थे।
यह दुनिया दो खानों में बँटी है। एक जो ऊपर के कमरों में रह कर आदेश देते हैं। दूसरे जो नीचे के कमरों में रह कर आदेशों का पालन करते हैं। लेकिन क्या ये दो दुनिया एक ही नहीं है? ब्रिटिश उपन्यास और टीवी सीरीज़ ‘अपस्टेयर्स डाउनस्टेयर्स’ पर बात
अलेक्ज़ेंडर का भारत की सीमा पर आना, और मौर्य वंश का मगध का उदय लगभग एक कड़ी की तरह हुआ। क्या ऐसा संयोग बना कि तक्षशिला में चंद्रगुप्त मौर्य ने अलेक्ज़ेंडर की छावनी देखी? क्या उस घटनाक्रम से मगध की सत्ता और भारत के स्वरूप पर दूरगामी प्रभाव पड़ा? आज की दुनिया पर? आज के भारत पर? अजीत प्रताप सिंह लिखित पुस्तक ‘अभ्युत्थानम्’ पर एक चर्चा
मनोवैज्ञानिक थ्रिलर में कई प्रयोग होते रहे हैं। रेलवे प्लैटफॉर्म के बंद कमरे, ट्रेन की आवाज, साहित्य और भोजन चर्चा के बीच उपजे इस थ्रिलर में भारतीयता खुल कर निखरती है। फिल्म जैक्सन हॉल्ट पर बात
कुछ किरदार कभी पुराने नहीं होते। वे आज भी यहीं कहीं मौजूद होते हैं। मीना कुमारी यूँ तो सत्तर के दशक के आग़ाज़ से पहले ही दुनिया छोड़ गयी, मगर उन पर पढ़ना एक ताज़गी लिए अनुभव रहा। सत्य व्यास लिखित ‘मीना मेरे आगे’ पर बात
यात्रा संस्मरणों का ढर्रा कभी एक नहीं रहा, लेकिन इस विधा में हिंदी साहित्य नित नए प्रतिमान रच रहा है। यात्राएँ कई खेप में, कई चीजों को तलाश रही हैं। इंटरनेट युग में भी ऐसे अनसुलझे, अनजाने रहस्यों से परिचय करा रही है, जो बिना घाट-घाट पानी पीए नहीं मालूम पड़ेगी। अभिषेक श्रीवास्तव लिखित कच्छ कथा उसी कड़ी में