महेंद्र कपूर के क़िस्से (Mahendra Kapoor)

एक शाम को पेग लगाते हुए महेंद्र कपूर को राज ने कहा कि तुम्हें बंबई में अपने फ़िल्म में गीत दूँगा। उन्होंने कहा कि आप बड़े आदमी हैं, बंबई जाकर भूल जाएँगे। राज कपूर ने तुरंत जलती सिगरेट लेकर अपनी हथेली पर बुझाया, और कहा कि अब यह दाग़ मुझे याद दिलाता रहेगा कि तुम्हें एक गीत देना है।

महेंद्र कपूर और राज कपूर सोवियत रूस गए। रूस में तो राज कपूर भगवान थे, महेंद्र कपूर को कोई जानता न था। सभी दर्शक राज कपूर को ही गाने कहने लगे। तो राज कपूर ने गाया, और महेंद्र कपूर ने हारमोनियम बजाया। महेंद्र कपूर ने एक रूसी अनुवादक को कहा कि ‘नीले गगन के तले’ गीत का फटाफट अनुवाद कर दें। और रट्टा मार कर स्टेज पर रूसी भाषा में यह गीत गा दिया। अब तो सभी रूसी उत्साहित होकर तालियाँ बजाने लगे। राज कपूर जब स्टेज पर लौटे तो महेंद्र कपूर हीरो बन चुके थे। राज कपूर ने कहा, “एक कपूर ही दूसरे कपूर को मात दे सकता है।”

एक दूसरा वाक्या है कि एक शाम को पेग लगाते हुए महेंद्र कपूर को राज ने कहा कि तुम्हें बंबई में अपने फ़िल्म में गीत दूँगा। उन्होंने कहा कि आप बड़े आदमी हैं, बंबई जाकर भूल जाएँगे। राज कपूर ने तुरंत जलती सिगरेट लेकर अपनी हथेली पर बुझाया, और कहा कि अब यह दाग़ मुझे याद दिलाता रहेगा कि तुम्हें एक गीत देना है।

वादे के मुताबिक भारत लौट कर राज कपूर ने उन्हें अपनी फ़िल्म में गीत दिया- हर दिल जो प्यार करेगा, वो गाना गाएगा।

आगे की कहानी और मज़ेदार है। मनोज कुमार को इतिहास का बहुत ज्ञान था, और वह महेंद्र कपूर को हर देशभक्ति गीत के समय जोश दिलाने के लिए आजादी से जुड़े क़िस्से सुनाते थे। महेंद्र कपूर भी इन क़िस्सों को सुन कर जोश में आ जाते।

एक बार प्रगति मैदान, दिल्ली में कई गायक और कलाकार आए थे। पहले मो. रफ़ी, मुकेश और किशोर कुमार का गायन था, आखिरी में महेंद्र कपूर का। महेंद्र कपूर ने मनोज कुमार को कहा कि इन तीनों के गाने के बाद मेरा गीत कौन सुनेगा? सभी दर्शक निकल लेंगे। मनोज कुमार ने उन्हें भरोसा दिलाया कि कोई नहीं भागेगा, तुम गाओ। उन्होंने सेटिंग करवा कर प्रगति मैदान के हॉल का दरवाजा बंद करवा दिया कि कोई भागने न पाए। और दिलीप कुमार को कह दिया कि सभी लोगों को लेकर गीत के दौरान स्टेज़ पर चढ़ जाएँ।

दर्शक भागने ही वाले थे कि देखा दरवाजा बंद है। उधर महेंद्र कपूर ने स्टेज पर आकर अपनी ट्रेडमार्क बुलंदी से ‘मेरे देश की धरती’ गाना शुरू कर दिया।दर्शक जो भागने को खड़े थे, वे उंगली उठा-उठा कर नाचने लगे, सभी अभिनेता और गायक भी स्टेज़ पर पहुँच गए।

अगले दिन अखबार में छपा, “मेरे देश की धरती ने महफ़िल जमा दी”

(यह दोनों संस्मरण एक अंग्रेज़ी लेख से)

https://youtu.be/RovyGxgml5Q

3 comments
  1. ब्लॉग पर आपकी वापसी से बहुत ख़ुशी हुई। और ये किस्से भी काफ़ी दिलचस्प हैं। 👌

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